Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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उत्तरज्झयणाणि
६६३
परिशिष्ट १: पदानुक्रम
४-५
दिव्वं च गई गच्छंति १८-२५ दुईतो भंजए जुगं २७-७ देवमणुस्सपरिवुडो
२२-२२ दिव्वजुयलपरिहिओ २२-६ दुद्धदहीविगईओ १७-१५ देवाउयं चउत्थं तु
३३-१२ दिव्वमाणुसतेरिच्छं २५-२५ दुन्नि ऊ सागरोवमा ३६-२२४ देवा चउचिहा वुत्ता
३६-२०४ दिव्वा तहिं वसुहारा य वुट्ठा १२-३६ दुष्पट्ठियसुपट्ठिओ
२०-३७ देवाणं तु वियाहिया
३६-२४५ दिव्या मणुस्सगा सहा तिरिच्छा २१-१६ दुष्परिच्चया इमे कामा
५-६ देवाणां हुज्ज अंतरं
३६-२४६ दिव्वा वरिससओवमा १८-२८ दुब्भिगन्धा तहेव य ३६-१७ देवा भवित्ताण पुरे भवम्मी
१४-१ दिव्वेण गगणं फुसे २२-१२ दुमं जहा खीणफलं व पक्खी १३-३१ देवाभिओगेण निओइएणं
१२-२१ दिव्वे य जे उवसग्गे
३१-५ दुमं जहा साउफलं व पक्खी ३२-१० देवा य जहाइयं समोइण्णा २२-२१ दिसाविचारिणो चेव ३६-२०८ दुमपत्तए पंडुयए जहा
१०-१ देवा य देवलोगम्मि
१३-७ दिस्स पाणे पियायए ६-६ दुलहे खलु माणुसे भवे
१०-४ देविंदं इणमब्बवी ६-८,१३,१९,२५,२६,३३, दिस्स पाणे भयदुए २२-१४ दल्लहया कारण मासया
१०-२०
३६,४३,४७,५२ दीवं कं मन्नसी? मुणी!
दुल्लहाणीह जंतुणो
३-१ देविंदो इणमब्बवी ६-११,१७,२३,२७,३१, दीवप्पणट्टे व अणंतमोहे
दुल्लहा तस्स उम्मज्जा ७-१८
३७,४१,४५,५० दीवे य इइ के उत्ते?
२३-६७ दुवालसंगं जिणक्खायं २४-३ देवो दोगुंदगो चेव
१९-३ दीवोदहिदिसा वाया
३६-२०६ दृविहं खवेऊण य पुण्णपावं २१-२४ देवे नेरइए अ अइगओ
१०-१४ दीसंति बहवे लोए
दुविहं तु वियाहियं ३३-१० देवे वा अप्परए महिड्डिए
१-४८ दीहाउया इड्डिमता
दुविहं दोग्गइं गए ७-१८ देवे वावि महिहिए
५-२५ दीहामयविष्पमुक्को मसत्थो ३२-११०
दुविहा अणसणा भवे ३०-६ देवेसु उववज्जई
७-२६ दुक्कडस्स य चोयणं
१-२८ दुविहा आउजीवा उ ३६-८४ देवो दोगुंदओ जहा
२१-७ दुक्करं खलु भो निच्चं
दुविहा जीवा वियाहिया - दुक्करं चरिउं तवो
३६-४८ देसिओ वद्धमाणेण २३-१२,२३,२९ १६-३७ दृविहा तेउजीवा उ
३६-१०५ देसियं च अईयारं दुक्करं जे करंति तं
२६-३६ १६-१६ दुविहा ते पकित्तया ३६-१२७,१३६,१४५ देसियं तु अईयार
२६-४० दुक्करं दमसागरो
१६-४२ दुक्कर मंदरो गिरी
दुविहा ते वियाहिया ३६-१७,६८,७१, दोउदही पलियमसंखभागमब्भहिया ३४-३७
१६-४१ दुक्करं रयणागरो
६३,१७०,२०६,२१२ दोगुंछी अप्पणो पाए १६-४२ दुक्करं समणत्तणं दुविहा थलयरा भवे
२-४ ३६-१७E दोगुंछी लज्जसंजए १६-४१ दुक्कराई निवारेउं
दुविहा पुढवीजीवा उ ३५-५ ३६-७० दो चेव सागराई
३६-२२२ दुक्खं खु भिक्खायरियाविहारो
दुविहा वणस्सईजीवा १४-३३ ३६-६२ दोच्चाए जहन्नेणं
३६-१६१ दुक्खं च जाईमरणं वयंति
३२-७ दुविहा वाउजीवा उ ३६-११७ दोहं अन्नयरे सिया
५-२५ दुक्खं निप्पडिकम्मया
दुविहावि ते भवे तिविहा १९-७५ ३६-१७१ दोमासकयं कज्जं
८-१७ दुक्खं बंभवयं घोर
दुविहा वेमाणिया तहा ३६-२०५ दो वि आवडिया कुड्डे
२५-४० दुक्खं भिक्खायरिया
१६-३२ दुविहा सा वियाहिया
३०-१२ दोसपओसेहिं मुच्चए भिक्खू ८-२ दुक्खं हयं जस्स न होइ मोहो ३२-८ दुसओ तेयालो वा
३४-२० दोसमेव पकुम्बई
- २७-११ दुक्खकेसाण भायणं १६-१२ दुस्साहडं धणं हिच्चा
७-८ दोसस्स हेउं अमणुन्नमाहु ३२-२३,३६, दुक्खमा हु पुणो पुणो २०-३१ दुस्सीलं परियागय
५-२१
४६,६२,७५,८८ दुक्खस्संतगवेसिणो
१४-५१ दुस्सीले रमई मिए दुक्खस्संतमुवागया १४-५२ दुस्सीसा वि हु तारिसा
२७-८ दुक्खस्स संपीलमुवेइ बाले ३२-२६,३६, दुहओ गई बालस्स
७-१७ धणं आदाउमिच्छसि
१४-३८ ५२,६५,७८,६१ दुहओ मलं संचिणइ
५-१० धणं पभूयं सह इत्थियाहिं
१४-१६ दुक्खस्स हेउं मणुयस्स रागिणो ३२-१०० दुहओ वि समिए सया
२४-१४ धणधन्नपेसवग्गेसु
१६-२६ दुक्खाणंतकरो भवे ३५-१ दुहओ वि से झिज्जइ तत्थ लोए २०-४६ धणियं तु पुण्णाई अकुव्वमाणो
१३-२१ दुक्खिया बहुवेयणा ३-६ दुहओ सम्मत्तसंजुया १४-२६ ध' परक्कम किच्चा
६-२१ दुग्गई उववज्जई बहुसो ३४-५६ दुहाण य सुहाण य
२०-३७
धणेण किं धम्मधुराहिगारे १४-१७ दुज्जए कामभोगे य १६-१४ दुहिएण वहिएण य
१६-७१ धम्म अकाऊण परंसि लोए १३-२१ दुज्जय चेव अप्पाणं ६-३६ दुहिया असरणा अत्ता ६-१० धम्मं कल्लाण पावगं
२-४२ दुट्ठस्सो परिधावई २३-५५,५८ देइ व पच्चक्खाणं २६-२६ धम्मं च कुणमाणस्स
१४-२५ दुण्णुदही पलिओवम ३४-५३ देवकामाण अंतिए ७-१२,२३ धम्मं च पेसलं नच्चा
५-१६ दुइंतदोसेण सएण जंतू ३२-२५,३८,५१, देवत्तं माणुसत्तं च
७-१७ धम्म चर सुदुच्चरं
१८-३३ ६४,७७,९० देवदाणवगंधव्वा १६-१६:२३-२० धर्म पि हु सद्दहंतया
१०-२०
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