Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ संपादन, अनुवाद एवं विवेचन में जिन प्राचार्यों, विद्वानों तथा लेखकों की कृतियों से प्रेरणा मिली, साहाय्य प्राप्त हुआ, उन सबका मैं सादर आभारी हूँ। परम श्रद्धास्पद, प्रातःस्मरणीय, विद्वद्वरेण्य स्व. युवाचार्यप्रवर श्री मिश्रीमलजी म. 'मधकर' की प्रेरणा एवं पुण्य-प्रतापस्वरूप आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर द्वारा स्वीकृत, संचालित, निष्पादित श्रुत-संस्कृति का यह महान यज्ञ जन-जन के लिए कल्याणकारी, मंगलकारी सिद्ध हो, मेरी यही अन्तर्भावना है। सरदारशहर डॉ.छगनलाल शास्त्री (राजस्थान)-३३१४०३ [13] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org