Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02  Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 13
________________ अनु. विषय पाना नं. २४५ ૨પપ ५० धन्य अवगाहनावाले पश्येन्द्रिय तिर्यज्योनिष्ठों । पर्याय ठा नि३पारा ५१ धन्य अवगाहनावाले भनुष्यों हे पर्याय उा नि३पारा ५२ अचवों पर्यायठा नि३पारा 43 परभाशु पुल पर्याय ठा नि३पारा ५४ द्वि प्रदेशी पुEठे पर्याय ठा नि३पारा ५५ धग्यगुठालाहि पुल पर्यायठा नि३पारा ५६ साभान्य स्ठंधष्ठे पर्यायष्ठा नि३पारा ૨૬૭ २७० २८४ ૨૯૮ उ१४ छठा पट ૩૨૩ उ२४ ३२८ 33८ 336 उ४४ ૩પ૪ ५७ अधिष्ठार विषयठो हिजानेवाली संग्रहिणी गाथा ५८ उपपात सेवं उद्वर्त्तना छा नि३पारा ५८ विषेष उपपात हा नि३पारा ६० विषेष उद्वर्त्तना छा ज्थन ६१ सान्तर निरन्तर उपपात द्वारा नि३पारा ६२ नैरयिष्ठाष्ठिों छे से सभय से उपपात हा नि३पारा ६३ उरपरिसीहि मेसभय से उपपात हा नि३पारा ६४ ससुराभारों हे उपधात ठा नि३पारा ६५ पंयेन्द्रिय तिर्यज्योनिष्ठाठिोंठे उपपातठा नि३पा ६६ वैभानिध्वों हे उपपातठा नि३पाया ६७ नैरयिष्ठों । उद्धर्तनाष्ठा नि३पारा ६८ असुरछुभाराहि उद्धर्तना हा नि३पारा ६८ तिर्थग्योनिठाहिजे उद्धर्तना छा नि३पाया ७० नैरयिष्ठों पर भविष्ठायुष्यठा नि३पारा ७१ आयुन्धठा नि३पारा उ६७ ૩૭પ उ८० उ८७ उ८८ ૩૯૨ ૩૯૭ ४०१ ॥ सभात ॥ શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨

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