Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02  Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ अनु. विषय २४ क्षेत्रानुसार द्वीन्द्रियाहि अस्यमहुत्व २५ क्षेत्रानुसार पंथेन्द्रियाहि अस्यहुत्व २६ क्षेत्रानुसार पृथ्विप्रायिडाहिका अस्पजह्रुत्व २७ क्षेत्रानुसार प्रसायिहिडा अत्यहुत्व २८ जन्धद्वारानुसार अत्यहुत्व डा प्रथन २८ पुघ्ग्सद्वारानुसार अल्पजह्रुत्वा प्रथन ३० परमाशु पुघ्ग्तों अत्यहुत्वा प्रथन ३१ महाहंडानुसार सर्वभवों के अल्प जहुत्वा प्रथन यतुर्थ पह ३२ नैरथिनों ही स्थिति प्रा नि३पा 33 हेव देवियों ङी स्थितिडा नि३पा ३४ पृथ्विप्राय जाहि डी स्थिति प्रा नि३पा उप पंयेन्द्रियतिर्यग्योनिष्ठों की स्थिति का नि३पा ३६ मनुष्यों डी स्थिति प्रा नि३पा ३७ वानव्यन्तर भ्योतिष्ठ हेवों की स्थिति प्रा नि३पा ३८ ४योतिष्ठदेवों डी स्थिति प्रा प्रथन 3 वैभनि हेवों की स्थिति डा नि३पा ४० ग्रैवेयवों की स्थिति प्रा नि३पा पांयवां पर्यायह શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨ पाना नं. ४१ पर्याय लेहों का निपा ४२ नैराित्रिों के पर्याय का नि३पा ४३ सुरडुभारों डे पर्याया नि३पा ४४ पृथ्वीप्रायिठों पर्याया नि३पा ४५ द्वीन्द्रियाोिं के पर्याय का नि३पा ४६ ४धन्य अवगाहनावाले नैरयों के पर्याया नि३पा ४७ ४धन्य नवगाहनावाले असुरकुमारों के पर्याया नि३पा ४८ ४धन्य अवगाहनावाले पृथ्विमायाहिडे पर्याया नि३पा ४८ ४धन्य अवगाहनावाले द्वीन्द्रिय के पर्याय प्रानि३पा १०६ ૧૧૧ ૧૧૪ ૧૨૧ ૧૨૨ ૧૨૬ १३० १३७ ૧૪૯ ૧૫૩ ૧૫૭ ૧૬૩ ૧૬૯ १७० १७१ १७५ १८३ १८८ ૧૯૦ ૧૯૯ २०२ २०८ २१3 २२८ २३० २३८

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