Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ जाए जिससे शोधार्थियों को और प्रात्माथियों को लाभ हो। मेरे परम श्रद्धय गुरुदेव उपाध्याय श्री पुष्करमनिजी म., जो युवाचार्थ श्री मधुकरमुनिजी के अभिन्न साथी हैं, समय-समय पर मुझे प्रेरणा प्रदान करते रहे हैं। जब युवाचार्यश्री ने इस भगीरथ कार्य को सम्पन्न करने का दृढ़ संकल्प किया तो गुरुदेवश्री को हार्दिक पाहाद हुग्रा / श्रमणसंघ के सन्त व सतीवृन्द तथा विज्ञों के अपूर्व सहयोग से यह कार्य युवाचार्यश्री के कुशल निर्देश से आगे बढ़ रहा है। मुझे आशा ही नहीं अपितु दृढ़ विश्वास है कि युवाचार्यश्री का यह प्रशस्त श्रुत सेवा का कार्य युग-युग तक उन्हें यशस्वी बनाएगा। प्रस्तुत अनुत्तरौपातिक दशा आगम-माला की एक सुन्दर बहुमूल्य मरिग है जो भूलेभटके मानवों को दिव्य प्रालोक प्रदान करेगी। भौतिकवाद के स्थान पर अध्यात्मवाद की प्रतिष्ठा करेगी। पूर्व प्रकाशित प्राचारांग, उपासकदशा और जाताधर्मकथा की भांति यह प्रागम भी जन-जन के मन को लुभायेगा, विद्वानों एवं सर्वसाधारण जिज्ञासुजनों में समुचित प्रतिष्ठा प्राप्त करेगा, यही मंगल कामना है। 0 देवेन्द्रमुनि शास्त्री जैन स्थानक नीमच सिटी (मध्यप्रदेश) दि. 20-3-1981 [18] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org