Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ [83 परिशिष्ट-शब्दार्थ ] अभिग्गहं = प्रतिज्ञा, आहार आदि करने की मर्यादा बाँधना अमुच्छिते - बिना किसी लालसा के, अनासक्त अम्मयं - माता को अयं यह अयल-अचल, स्थिर अरुयं = प्राधि व्याधि से रहित अलं-पूर्ण अलत्तग-गुलिया = महेंदी (महावर) की गुटिका अवकखंति = चाहते हैं अवि-भी अविमणे = विना दुःखित चित्त के अविसादी - बिना विषाद (खेद) के अव्वाबाहं -बाधा से रहित प्रसंसट्ठ = बिना भरे हाथों से असि =है अह (हं)= मैं अहम् अथ, पक्षान्तर या प्रारम्भ सूचक अव्यय अहा-पज्जत्त = आवश्यकतानुसार अहापडिरूवं यथायोग्य, उचित अहासुहं सुख के अनुसार अहिज्जति - अध्ययन करता है अहीए= पठित, सीखा अहीण -हीनतारहित, पूरा प्राइगरेणं - प्रारम्भ करने वाले आइल्लाण = आदि के, पहले के आउक्खएणं = आयु के क्षय होने से प्राणुपुव्वीए = अनुक्रम से आपुच्छइ, ति= पूछता है, पूछती है आपुच्छण - पूछना आपुच्छामिपूछता हूँ आयंबिलं = एक प्रकार का तप आयंबिल-परिग्गहिएणं - आयंबिल तप की रीति से ग्रहण किया हुआ आयवे = धूप में आयार-भंडए =संयम पालने के उपकरण आयाहिणं = आदक्षिण आयाहिणं-पायाहिणं = दक्षिण दिशा से प्रारम्भ की हुई प्रदक्षिणा श्रारण्णच्चुए = प्रारण-ग्यारहवां देवलोक, अच्युत-बारहवां देवलोक प्राहरति =ग्राहार करता है आहारं =भोजन अाहारेति = भोजन करता है आहिते कहा गया है। इ= इति, परिचय या समाप्ति-सूचक अव्यय इंगाल-सगडिया = कोयलों की गाड़ी इंदभूति-पामोक्खाणं = इन्द्रभूति आदि में इच्छामि = चाहता हूँ इति =समाप्ति-बोधक-अव्यय, परिचयात्मक अव्यय इब्भवर-कन्नगाणं =धनी श्रेष्ठियों की कन्याओं का इमासि = इनमें इमे=ये इमेणं = इससे इमेयारूवे = इस प्रकार के इसिदासे = ऋषिदास कुमार ईर्या-समिते = ईर्या-समिति वाला, यत्नाचारपूर्वक चलने वाला उक्कमेणं = उत्क्रम से, उलटे क्रम से, नीचे से ऊपर उक्खेवग्नो प्राक्षेप, न कहे हुए वाक्यों का पीछे के वाक्यों से ग्रहण करना उग्गहं = अवग्रह, सम्मान, पूजा आदि उच्च. = (उच्च-मज्झम-नीय) उच्च, मध्यम और नोच कुलों से उच्चट्ठवणते=ऊँचे गले का पात्र विशेष उज्जाणातो- उद्यान से, बगीचे से उज्जाणे = उद्यान, बगीचा उज्झिय-धम्मियं = निरुपयोगी, फेंक देने योग्य उदृ-पाद-ऊँट का पैर उहाणं = ओंठों की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org