Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ २० पुरुषघातकके क्रिया स्वरूपका निरूपण २१८-२२२ २१ विजयपराजयके स्वरूपका निरूपण २२३-२२६ २२ वीर्य के स्वरूपका निरूपण | २२७-२३८ नववे उद्देशेका प्रारंभ २३ नववे उद्देशेकी अवतरणिका २३९-२४९ २४ गुरुत्वादिके स्वरूपका निरूपण २५०-२७६ २५ निग्रन्थ के स्वरूपका निरूपण २७७-२८१ २६ अन्य मतके स्वरूपका निरूपण २८२-२९३ २७ कालस्यवेषिकपुत्रके प्रश्नोत्तरका निरूपण २९४-३३४ २८ अप्रत्याख्यानके स्वरूपका निरूपण ३३५-३३८ २९ आधाकर्मके स्वरूपका निरूपण ३३९-३५४ ३० परिवर्तनके स्वरूपका निरूपण ३५५-३६१ दशवे उद्देशेका प्रारंभ ३१ दशवे उद्देशेकी अवतरणिका ३६२-३६६ ३२ अन्ययूथिकोंके मतका निरूपण ३६७-३८८ ३३ स्वमतके स्वरूपका निरूपण ३८९-४२९ ३४ अन्यतीर्थिकों के क्रियाके विषयमें प्रश्नोत्तरका निरूपण ४३०-४३८ ३५ उत्पातविरहका निरूपण ४३९-४४० दूसरे शतकके पहला उद्देशेका प्रारंभ ३६ पहले उद्देशाकी अवतरणिका ४४१-४४४ ३७ उच्छ्वासनिश्वासके स्वरूपका निरूपण ४४५-४६४ ३८ वायुकायके आन-प्राण का निरूपण ४६५-४७६ ३९ मृतादि अनगारके स्वरूप का निरूपण ४७७-४८१ ४० जीव, प्राण, भूत आदिके स्वरूपका निरूपण ४८२-४९८ ४१ स्कन्दकके चारित्रका निरूपण ४९९-७५३ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૨


Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 1114