Book Title: Abhakshya Anantkay Vichar
Author(s): Pranlal Mangalji
Publisher: Jain Shreyaskar Mandal Mahesana

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Page 13
________________ बहु बीज, अनंतकाय, संधान-बोर-अथाणा वगेरह, घोलवड़ा, वेंगण, अजाने फूल और फल, तुच्छ फल, और चलित रस, ये २२ बाइस वर्ज़ने योग्य अभक्ष्यों को वर्जना चाहिए। १-२ बाइस-अभक्ष्य पांच ऊंबर:- १० हिम (बरफ) १ वड़ वृक्ष के फल ११ विष (झहर) २ पारस पीपला तथा १२ कड़ा (औला) पीपली के फल १३ सब तरह की मिट्टी ३ प्लक्ष (पीपला) का फल १४ रात्री भोजन ४ ऊंबरा (गुलर) के फल १५ बहु बीज फल ५ कचुंबर (काली ऊम्मर) १६ अनंतकाय का फल १७ अचार-अथाणां चार महविगई १८ घोलवडा ६ मधु (शहद) १९ वेंगण ७ मदिरा २० अजाना फल-फूल ८ मांस २१ तुच्छ फल ९मक्खन २२ चलित रस यह दो मूल गाथाओं के ऊपर सारे ग्रंथ की रचना की गई है । इसी लिए उद्देश ग्रंथ बताकर उस हरेक का विवेचन करने में आवेगा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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