Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 02 Pratyek Buddhbhashitani Rushibhashitsutrani Moolam
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
View full book text ________________
आगम
संबंधी
साहित्य
[भाग-2] प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि
...... अध्ययन-[५], .........मूलं [१] / गाथा [१-५] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शित:) "ऋषिभाषित-सूत्राणि-मूलं
| [५] 'पुप्फ़साल' अध्ययनं
प्रत सूत्रांक
माणा पच्चोत्तरित्ताण, विणए अप्पाणुवदंसए, पुष्कसालपुत्तेण अरहता इसिणा बुझ्यं, पुढवि आगम्म लिरसा, थले किच्चाण अंजलिं। पाणभोजणमे चिच्चा, सव्व च सयणासण॥१॥णमंसमाणस्स सदा, सं(ख)ती आगम वहती! कोधमाणप्पहीणम्स, आता। जाणइ पजवे ॥२॥ ण पाणे अतिपातेज्जा, अलियादिपण' च वज्जए । ण मेहुणच सेबज्जा, भवं ज्जा अपरिगहे ॥३॥ कोधमाण
[१]
गाथा ॥१-५||
परिण्णास्स, आता जाणति पज्जवे। कुणिमं च ण सेवेज्जा, समाधिमभिद'सग ॥ ४ ॥
॥ एच' से बुद्ध विरए यावो० ॥ ५॥ पंचम पुष्फसालणामझयण ॥५॥
बागलचीरिमझियणं
दीप अनुक्रम [६१-६६]
~18~
Loading... Page Navigation 1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78