Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 02 Pratyek Buddhbhashitani Rushibhashitsutrani Moolam
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 21
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-2] प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि ....... अध्ययन-[८], .........मूलं [१] / गाथा [१] ......... पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलितः (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शितः) "ऋषिभाषित-सूत्राणि-मूलं [८] 'केतलिपुत्त' अध्ययनं प्रत सूत्रांक साषभााप-1 उभयण आर दगुणेण पार एकगुणेणं ते के तलिपुत्तेण इसिणा बुइतं । इय उत्तमगंधवेषण रहममिया लुप्पति गच्छंती सय वा छिंद | पावए ॥ (सयं योठिंड्य कम्मसंचय, कोसारको ब ज हार बंधणं ॥ तन्हा एक वियाणिय गंथजालं दुक्ख'दुहावह छिंदिप ठाइ संजमो । सेहु | मुणी बुक्खा चिमुच्चा धुव' सिथ गई उचेइ प्रत्यंतर) ॥ एव सिद्ध बुद्धे ॥८॥ ते(के)तलिणामज्भ यर्ण अहम ॥ ८॥ गाथा ||१|| दीप अनुक्रम [८७-८८] ~21

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