Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 02 Pratyek Buddhbhashitani Rushibhashitsutrani Moolam
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 48
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-2] प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि .......... अध्ययन-[२८], .........मलं H I गाथा [१-२५] ......... पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शितः) "ऋषिभाषित-सूत्राणि"-मूलं [२८] 'अद्दईज्ज' अध्ययनं (वर्तते) प्रत सूत्रांक H गाथा ||१-२५|| पंडिए य खणे खणे । कालातो कंचणस्सेव , उतरे मलमप्पणो ॥१॥ अंजणस्स खयं दिस्स , बम्मीयस्स य संचयं । मधुस्स य समाहारं उज्जमो संजमे वरं ॥२॥ उच्चादीयं विकणं तु भावणाए विभावए । ण हेमं दंतक तु, चक्कवट्टीवि खादए ॥३॥ खणधोवमुहुत्तम* तर, सुविहित ! पाउणमप्पकालियं। तस्सवि विपुले फलागमे , किं पुण जे सिद्धि परक्कमे? ॥३॥ ॥ एवं से सिद्ध ० ॥२८ । अइज्जज्मयण ॥ २८ ॥ ---x---x---x---x--- दीप अनुक्रम [२९९३२३] ~48-~

Loading...

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78