Book Title: Vastu Ratna Kosh Author(s): Priyabala Shah Publisher: Rajasthan Oriental Research Institute Jodhpur View full book textPage 9
________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला ] [ वस्तुरत्नकोश " धारा झण्डी दिनानिमिठो विनिविविघ्वरुपाध्या पदावरुजिंगः स प्रागं ए सवतिरा अविद्याऊडपाणि विद्या विनोद यादवमाह्यानं चाचोरा विद्यारचा मोरानी शासन विज्ञातिशा आणि 1. asana मिश्वद्विद्या प्रतिकलो चनुरशीतिविज्ञाना निश्री विदेश २ का निश्च निति विगो शतमगलानावि प्रविशविधाका तिमिरस 23 एकोन्यं जात्रा शराः वचौरासियानायका रोमहानायकाः ध्यादाना थका श्रीनायक एपनाका विशिय सोय वा रिसोय साधा निश्कार मानिन विद्योग योगद विधुकादश ४२तिपालक पानिएकविंशतिवरील णानि द्वार्वनात्रिका मिनीना विकारे गिनिजति सतीना लक्षणानि विगविविधरूप२विविधे कानी सुतारान दामा विद्यादोधार बि विधायोविकारान विश्वविध वि विध मोकाशी अविश्वासका राणा निशम्यलेना येगिस्याः विधप्रसाद एचविंशतिविधारिया इस प्राचीणामनिधानराशिः काश जियो विरज्यते यच विनिःकार : कामिनी शराब विदयानावविरताना ६दशविधायाधिवानामो ६ विद्याधर्व विविधगुणः ६र्दिवाद्य पहि नागलक्षणंविण यंत्र ज्ञातिविवादल विधदर्शन खाद्य सविधान पर शावितिविधविचारका वैयतिविधविद्यानापाल विविएस विमान शरीरसौदा विधवराः प्रतिवसे परिच्छेदाण्य विकासकामांना गतो विविधता कसाना दानानामान व सामाधानश ॥विविधाः पुरुषाणामाः। ममममयादा मदा की जायदा मूलदारु मोहरात्रि सोमवायाद३४२मात्राज्ञायालुका मोरिक २ का २२ वोटा सतीदार २४ का २२ वंश करा. २८ करपाल शानद प्रशा२य दिलवाता २२ का एक ः २४ कलश नगराः सा निकस वंश २४द विश्वा माणिक दरपाडोडियानववंश ३६ ॥ ॥ श्रामीमा जनपद३ साड हमेशात मध तिज गा॥ वंशः विद्योऽचिनयत्र विजयाच विवेक विचार ६सदाचार विश्वास साशोन्मान २१ समान DESERVED MADANE ८४ दज्ञाति विश्व विधेष त्रिविधामि mailies acto ४ 'डी' संज्ञक प्रतिका प्रथम पत्रPage Navigation
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