Book Title: Vaishali Institute Research Bulletin 4
Author(s): R P Poddar
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur

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Page 221
________________ Jain Education International प्रणेता भाषा रचना-काल प्रतिलिपिकाल ___ विशेष संख्या ग्रन्थ का नाम एवं उनका प्रमाण 100 १. आदिपुराण आदिपम्प कन्नड़ ९४१ ईस्वी २. नाभेय-ने मिद्वि सन्धान काव्य हेमचन्द्र संस्कृत विक्रम की १३ वीं सदी पत्रसंख्या उपलब्ध करने विशेष अथवा जानकारी प्राप्त करने के स्रोत Jaina Antiquary ऋषभदेव वर्णन प्रसंग Vol. V. No. IV में बाहुबलि-चरित P. P. 144-146 वणित है। टण प्राचीन भण्डार श्लेष शैली में बाहुनं० १ झवरीवाडा, बलि-चरित वणित पाटब २७० आमेर शा० भं० जयपुर में सुरक्षित। आमेरशास्त्र भं. हिन्दी भाषा-विकास जयपुर की दृष्टि से यह ग्रन्थ अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। दि. जैन मंदिर बाराबंकी Jain Antiquary १०० पर्यों में बाहुVol. V, No. IVबलि-चरित वणित है । P. P. 144-146 धनपाल अपभ्रश वि० सं० १४५४ For Private & Personal Use Only ३. बाहुबलिदेव चरिऊ ४. बाहुबलि छन्द कुमुदचन्द्र हिन्दी वि० सं० १४६७ Vaishali Institute Research Bulletin No. 4 अपभ्रश वि० सं० १४९६ ५. तिसट्टिमहापुरिस- रइधू गुणालंकारु ६. भुजवलिशतक दोड्डय कन्नड़ वि० सं० १५५० १६१४ ई० ७. बाहुबलिचरिते पंचवण्ण ८. भरतराजदिग्विजय अज्ञात वर्णन-भाषा कन्नड़ हिन्दी - वि० सं० १७३८ असोजसुदी ५ ५६ www.jainelibrary.org आमेर शा० भण्डार, जयपुर इस रचना को जिनसेन ग्रन्थ-सूची, भा० ३/६५ कृत आदिपुराण के २६ वें पर्व का प्राचीन हिन्दी

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