Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi
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________________ (12) वैद्यवल्लभ। अथ योनिसंकोचप्रयोगः // कटुतुंबीसुपत्राणि लोध्रयुक्तानि-मर्दयेत् // . धारयेद्गुटिकां तस्माद्योनिसंकीर्णताभवेत् // 13 // भाषाटीका // कईई तूंबीके पत्ता और लोध ये मिलायके पीस गोलीकर योनिमें धरे दौ. ताकी योनि सुकडजाय // 13 // पुनः॥ त्रिफला विजया लोध्रः सदुग्धा दाडिमत्त्वचा // समांशैश्चूर्ण येत्सर्वं तारीरसभावितम् // 14 // पश्चात्तस्य गुटीं कृत्वा नक्तं वा धारयेद्भगे // तस्माद्भवति संकीर्ण सुंदा स्मरमन्दिरम्॥ 15 // भाषाटीका // हरड बहेडे आँवरे भाग लोध दूधी अनारकी छाल ये बरावर भागले अरणीके रसमें घोटे // 14 // पीछे गोली बांध रातको भगमें धरे तो ता लुगाईकी योनि सुकडजाय // 15 // अथ स्त्रीधातुरोगे // धात्री धन्वकनीरं तु शर्कराजीरकेनच / / भामिनी गर्भवीर्यस्य बंधं सृजतिसत्वरम् // 16 // भाषाटीका // आवरे धमासौ नेत्रवालौ मिश्री और __ जीरौ ये समान भागलै ताकौ चूर्णकर फाकवसों स्त्री जल्दी वीर्यको छोडे // 16 //
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