Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi

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Page 55
________________ भाषाटीकासमेत। (51) * अथ कपालकीटरोगे नस्यम् // तिक्तककोंटिपत्रस्यरसैनस्यं प्रदापयेत् // वारत्रयं कृतोहन्ति कपालकीटकव्यथाम् // 11 // भाषाटीका // कडूवे ककोडाके पत्तानको रस लै नस्य तीनबार देवे ते कपालके कीडाकी व्यथाको हरै // 11 // . अथ सर्वमस्तकरोगे गुटिका // निगुंडिकालवणनागरदारुकृष्णापामार्गसर्षपदिवाकरवृक्षबीजैः॥शीतोदकेनमुटिकाविहितानुपानात्प्रोक्तासुहस्तिकविनाशिरसोर्तिहन्त्री 12 // भाषाटीका // निर्गुडीके बीज सैंधौनोन सोंठ देवदारु पीपल औंगा सरसों आकके बीज इनको समान भागलै ठंडे जलसों गोलीकरे तथा ठंडे जलसों देनी तौ हस्तिकवि कहैहै कि माथेके रोगनकों दूरकरै // 12 // अथ नेत्ररोगे अञ्जनम् // शंखचूर्ण गोदुग्धेन तदर्धं च मनःशिला,॥ छागीदुग्धेन सहित सैन्धवं च जलेनच // 13 // सुन्दरीस्तनदुग्धेनमरिचमर्यकारयेत् // * शीतोदकेनगुटिकाचाननादविरोगजित् // 14 // भाषाटीका // शंखको चूर्ण मायको दूध वासों आधौ पेनशिल ताको बकरी के दूधके संग और सँधौनोन पानीमें // 13 // स्त्रीके दूध मिर्च इन सबको अलग 2 पीस ठंडे जलसों गोली आंजे वौ नेत्ररोग मिटै // 14 //

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