Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi
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________________ भाषाटीकासमेत। (69) भाषाटीका // कनेरकी जड धतूरेके बीज कटेरीके फूल, हींगुलू, खिरटी, हरड, बहेडे, आवले, वेलिया मीठो, कपूर केशर // 38 // लोग, अकलकला, अफीम, पीपल, रूमीमस्तंगी, गोंद, जायफल जावित्री इन सबको समान भाग ले पीसे // 39 // सहवमें वा पानके रसमें गोलीकर देवे। ज्वर दस्त आम वगैरे के दोषकों ये गोली नाश करै और रूप अग्नि बल वीर्य इनको बढावे ये स्वयम् मुरादीसाहने कही है // 40 // इति श्रीवैद्यवल्लभे श्रीमधुपुरीस्थदक्षगोत्रोद्भवचतुर्वेदिराधाचन्द्रशर्मकतव्रजभाषाटीकायां सन्निपावहिक्काजानुकम्पादिप्रभृतिप्रवी. कारो नामाष्टमो विलासः // 8 // अथ बृहन्मालतीवसन्तः // दरंदं कृष्णमरिचं भस्म मुक्ताप्रवालयोः॥ निम्बूरसैर्गुटी कार्या बृहद्वासंतमालती // 1 // वैद्यानामुपकारार्थ राधाचन्द्रेण भाषिता॥ सर्वरोगानिहन्त्याशु विशेषाद्विषमज्वरम् // 2 // अथ सूतिकाविनोदीरसः // रसंगन्धकतुत्थंच तानं नागेश्वरःसमम् // 1 हिंगूलू 2 कालीमिर्च 3 मोतीकी भस्म 4 मूंगाकी भस्म 5 पारौ 6 गन्धक 7 लीलाथोथी 8 तामेश्वर 9 नागेश्वर
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