Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi

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Page 74
________________ (70) वैद्यवल्लभ / अश्वगन्धाकाकांची तथा नील पुनर्नवा // 3 // नाडिका भृङ्गराजश्वरसेनैषां विमर्दयेत् // गुञ्जाप्रमाणगुटिका विनोदः सूतिकाह्वयः // 4 // सूतिकारोगहा सत्यं वमिशोथज्वरादिकम् // हन्तिशूलांगमर्दच राधाचन्द्रेण भाषितः // 5 // अथ सूतिकारोगे कषायः॥ सनाडिकायाः सपुनर्नवायाः सनामिकाया हुयेगन्धिकायाः॥ साम्बष्ठकीशिग्रुपराजितायाः कृतः कषायः पुनरेव पीतः // 6 // शूलज्वरारोचकशोथरोगान् सर्वामयांश्चापि हि सूतिकायाः॥ निहन्ति शीघ्रपरिभाषितोय. चन्द्रेण राधापदपूर्वकेन // 7 // अथ शोथरोगे लेपः॥ हरिद्राचार्कपुष्पाणि काकमाची पुनर्नवा // सौभाञ्जनं तथास्फोता हयगन्धाच भृङ्गरौंः॥ 8 // 1 असंगध 1 मकोय 3 लीले फूलकी सांठी / नाडी 5 माँगरौ 6 नाडीको शाक 7 सांठी की जड़ 8 ब्राह्मी 9 अस. गंध 10 प्रोइआ 11 सहजनो 12 कोयल 13 हरदी 14 आकके फूल 15 मकोय 16 सांठी 17 सहजने 18 को. यल 19 असंगध 20 भाँगरौ //

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