________________ (16) वैद्यवल्लभ। भाषाटीका // बेर और लाखको तेलमें उबाल याको पीवे दो वर्ष मात्र वो वौ नारी फिर गर्भ नहीं धारण करै // 28 // पुनः॥ रामठेन युतं तैलं या पिबेदिनपंचकम् // हस्तिना कथितंतस्मात्कदागर्भो न जायते॥२९॥ भाषाटीका // हिंगके संग वेलको पीवे पाँच दिन तो हस्तिकवि कहे हैं कि वाके कभी गर्भ होय नहीं // 29 // पुनः॥ गुडतैलेन संयुक्तं चूर्ण चित्रकसंभवम् // त्रिदिन कार्यते नार्या पुनर्गों न जायते // 30 // भाषाटीका // गुड तेल यामें चित्रकको चूर्ण मिलाय वीन दिन याको खायो करेवो स्त्रीकें फिर गर्भ नहीं रहे॥३०॥ पुनः॥ कारेलीरसपानाच्च माषाजीर्णगुडेनच // शुष्कजाशूसपुष्पाणि त्रिभिर्गों न जायते॥३॥ भाषाटीका // करेलाके रसको पीवे अथवा उर्द पुरानो गुड खाय अथवा सूखे जाशुकीके फूल इन तीन योगनसों गर्भ रहे नहीं // 31 // अथ वातप्रदरोपायः॥ कलिंगोऽतिविषाव्योष बित्वं मुस्ता च धातुकी // चूर्णमेषांकृतं नार्या रक्तस्राव हरे ध्रुवम् // 32 //