Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi
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________________ (30) वैद्यवल्लभ / .. पञ्चाङ्गगोक्षुरंचूर्णशर्करादुग्धमिश्रितम् // कारितहस्तिकविनागतधातुप्रशान्तये // 10 // भाषाटीका // गोखरूको पञ्चाङ्ग लै चूर्ण कर दूध मिश्रीमें मिलाय पीयो करे तो हस्तिकवि कहै कि गई धातुको शान्ति करै / / 10 अथ प्रमेहरोगे उपचारः // ससितामर्कटीदुग्धावरी विश्वासमानकैः // भक्षणात्रिदिनहन्तिसयोमेहंसुदुस्तरम् // 11 // भाषाटीका // मिश्री कौंचके बीज दूधी शतावर सौंठ ये बराबर भागले खाय तीन दिन तौ दुस्तर प्रमेहको झट दूर करै // 11 // पलाशवृक्षपुष्पाणिसितयावंगसंयुतम् // कारितहस्तिकविनापित्तमेहप्रशान्तये // 12 // भाषाटीका // पलाशकी फूल मिश्री वंगेश्वर मिलायके खायो करै तौ हस्तिरुचिकवि कहै कि पित्तप्रमेहको शान्ति करै // 12 // अथ सकलप्रमेहरोगे उपचारः॥ हेमबीजविषवंगपारदं हंसपाकबलिनासमन्वितम् // नागवल्लिदलसंयुतं रसं कामदं सकलमेहनाशनम् // 13 // भाषाटीका // धतूरेके बीज तेलियामीठो शुद्ध वगेश्वर
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