Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi

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Page 50
________________ .. (46) वैद्यवल्लभ / रस ये समान भागले ताकौ चूर्णकर पानके रसमें घोट मूंगके बराबर गोलीकर // 17 // देवे तौ कास श्वास कफ शीत शीवाङ्ग ज्वर इनको शान्तकरे और मंदाग्नि गोला वादी यगरको ये उत्तम गोली है // 18 // __अथ पांडुकामलारोगे कषायः // ... वासाकिरातकं मुस्तात्रिफलामृतनिम्बजैः / / क्याथो मधुयुतो हन्तिपांडुरोगं च कामलाम्॥१९॥ भाषाटीका॥ अडूसौ चिरायती नागरमोथा हरड बहेडे आंवरे गिलोय नीमकी छाल ये समान भाग ले क्वाथ कर सहत मिलाय पीवे तो पीलियारोग वा कामलाको हते // 19 // अथ कामलाजीर्णज्वरे काथः // तिक्ता किरातकं धान्य त्रिफला नागरैः समम् // क्वाथःक्षौद्रयुतो हन्ति जीर्णज्वरं च कामलाम् 20 // भाषाटीका / / कुटकी चिरायवौ धनीया हरड बहेडे आंवले सोंठ इनको समान भागलै क्वाथकर सहत मिलाय पीवेसों जीर्णज्वर कामलाको हवै // 20 // अथ कामलारोगे उपचारः // खरविड्दधिना साई सम्यक् समर्थ पाययेत् // महत्पित्तोद्भवं रोगं कामलां च प्रणाशयेत्॥२१॥ भाषाटीका // गधाके लेंडा दहीमें आधे मिलाय याको मर्दनकर देवे वो महापित्तसो भये कामलारोगको नाशकरै२१॥

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