Book Title: Vaidyavallabh
Author(s): Hastikruchi Kavi
Publisher: Hastikruchi Kavi

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Page 27
________________ भाषाटीकासमेत। (23) भाषाटीका // असगंध, गिलोय, शतावर, दशमूल, खिरेटी, अडूसो, पौकरमूल, अतीस ये सब बराबर भागले काढौकर पीयेसों कासक्षयको नाश करै // 14 // पुनः // पलैकं लवणं नीत्वा सूर्यक्षीरेण मर्दयेत् // खादयेत्तेन चूर्णेन क्षयरोग सदा हरेत् // 15 // भाषाटीका // एक पल सैंधौनोन लेनो आकके दूधर्मे मर्दनकर या चूर्णकौं खावै तौ क्षयरोगको दूर करै // 15 // सत्त्वगुडूच्याहृतशुल्बबिल्वैश्चूर्णहिवासास्वरसेनदत्तम् // सद्धस्तिनावैक्षयरोगकासश्वासोपशान्तिस्त्रिदिनंस्फुटंस्यात् // 16 // __ भाषाटीका // गिलोयको सत्व मान्यो तांबो बेल ये समान भाग ले चूर्ण कर अडूसेके रसमें वीन दिन घोट देवेसों क्षयरोग और कास श्वासको शान्ति करे ये हस्विक कवि कहेहैं // 16 // ___ अथ शोफरोगे लेपः // पुनर्नवानिम्बविश्वासपटोलजलेनच // संघृष्यक्रियतेलेपःसद्यःशोफविनाशकृत् // 17 // भाषाटीका // साँठीकी जड, नीमकी छाल, सोंठ और पटोलपत्र जलमें घिस लेप करवेसों जल्दी सूजनको नाश करै // 17 //

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