Book Title: Thulibhaddni Shilveli
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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घर Gyahonaanganath.org व्रतधारी निश्चम हुवे, लहऊने शुगरागावैराशीवैराग्यता, पंडित वयनशुंखाशा हानलघर नलवर| से लुवि,सुप्रभुजरसभायतुर विवेडी शमशे, श्यशुंश्यना मजा | टावपहेली एगोउसमथुरारेवाहाला एजेशी। पाउलीपुरमा रेप्यारे,नवनवरस सेतुशएगागासुप्रिया प्रागीरेआजारा ल्यउरेछे श्रीनशन्न पापाउलीपुरमारे प्यारेगमेनांऊपी ए साल मंत्रीरेन्नयो, नागर नातिसुन्नतवजागोराभवमुजी उभा ला अनुसरएी,सुंध्र पाछपटे तस घरपीए पाउना पुत्र लवेरारे पामें, श्रीथूलिलका सिरियोनामे पुत्रीसातेरेभसीयां, नव नंह नितेहुने घटसीयांपागायतुराई गरेउहीयें,थानउ नीतिशास्त्रे मेमषहीयो।
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