Book Title: Swasamarananda athwa Chetan Karm Yuddha
Author(s): Shitalprasad
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 9
________________ १० "" ४६ ** ४९ ५० ܐ1 ५१ ५४ १६ 32 " 33 Sup ६० ६५ ६६ "" G ला० १२ 19 ६८ १९ १० १९ ५७ ३ ७ संतू स्वरूपी परंकाल अस्तित्व १० सेवा १८ रहा है 8 निम्न 19 अशुद्ध शुद्ध यहाँ "उसीवक्त आदि" पहले फिर भेजता है आदि पढ़ना चाहिये १ लाइन आगे पीछे उलंट 'गई है। साहकर आत्म १६ उदय बदल ९ नौकर्म ६ चेनत . २५ साम्यक्ती ९ १९ चेतनके ज्ञानरूपी १० उज्जल अंगों में वीरागता ( ७ ) 4 सम्हलकर आत्मा सत् स्वरूपको परकालनास्तित्त्व सेना हो रहा है निम्न फुटनोट देखो नं० २९ सम्यक्ती हृदय व दल नोकर्म चेतन अज्ञानरूपी चेतनकी उज्वल अंगों के वीतरागता

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