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चमत्कारी भोजन
एक दिन एक राजा आँधी और तूफान में फँस गया। उसने एक झोंपड़े में शरण ली। उसने देखा, बच्चे जमीन पर बैठे हुए खाना खा रहे हैं। खाने में सिर्फ पतली खिचड़ी ही थी, पर बच्चे काफी स्वस्थ दिख रहे थे। उनके गालों पर हलकी ललाई थी। राजा ने बच्चों की माँ से इसका राज जानना चाहा।
उनकी माँ ने कहा, "यह सब उन तीन बातों की वजह से है जो बतौर घुट्टी मैं इन्हें खाने के साथ देती हूँ। पहली चीज, बच्चे अपने खाने भर का पैदा करने के लिए स्वयं मेहनत करें। दूसरी, मैं कोई चीज उन्हें बाहर की नहीं देती। तीसरी, मैंने उन्हें अंधाधुंध खाने से दूर रखा है। जितनी भूख हो उतना ही खाना।"
नियम और सादगी स्वास्थ्य की निशानी है।
|| आरोग्यरहस्यम् ।।
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