Book Title: Story Story
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 112
________________ मेहनत की रोटी सबसे मीठी होती है। राब बादशाह बादशाह नासिरुद्दीन के बारे में मशहर है कि वे अपने खाने-पीने और ऐश-आराम के लिए शाही खजाने से एक भी पैसा न लेते थे। वे किताबों की नकल करते थे और उन नकल की हई किताबों को बेचकर जो पैसा मिलता था, उसी से अपना और अपने परिवार का खर्च चलाते थे। बादशाह होते हुए भी खाना पकाने के लिए। घर में कोई रसोईया नहीं था, जिस कारण बेगम को ही खाना पकाना पड़ता और घर के दूसरे काम भी करने पड़ते थे। एक बार रोटी पकाते समय बेगम की अँगुलियाँ जल गई। बेगम ने डरते-डरते बादशाह से एक दासी रखने के लिए कहा। इस पर बादशाह बोले, "मैं जो कमाता हूँ, उससे दोनों वक्त का खाना ही किसी तरह जुट पाता है, दासी कहाँ से रखू ? खजाने के रुपए तो प्रजा के हैं। उन्हें प्रजा की भलाई के लिए ही खर्च करना चाहिए। एक गरीब बादशाह की बेगम होकर तुम्हें ऐसी बात ख्वाब में भी नहीं सोचनी चाहिए।" 102 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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