Book Title: Story Story
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 110
________________ निःस्वार्थ भाव से परोपकार करे इसमे धर्म का पालन है। साँच को आँच नहीं लगती। सेवा हमारा धर्म है... किसी जमाने की बात है, बगदाद में एक धनी आदमी रहता था। एक दिन उसकी हवेली में आग लग गई। अन्य सब तो बाहर निकल आए, पर एक नौकर भीतर रह गया । अमीर बड़ा दुःखी हुआ । उसने घोषणा की कि जो कोई उस नौकर को जलते घर से बाहर निकाल लाएगा, उसे वह एक हजार दीनार इनाम में देगा। ____ इतने में एक साधु वहाँ पर आया। उसने आव देखा न ताव, एकदम भीतर की तरफ दोड़ा और नौकर को निकाल लाया। लोगों ने देखा कि जलते हुए घर में घुसने के बाद भी न साधु के कपड़े जले, न बदन झुलसा । वे अचरज से भर उठे। धनी आदमी साधु के सामने श्रद्धा से झुक गया। फौरन उसने एक हजार दीनार उसके सामने रख दिए। साधु ने उत्तर दिया, “सेवा हमारा धर्म है। हम इनाम के लिए सेवा नहीं करते।" अब लोगों की समझ में आया कि साधु आग में से बेदाग क्यों निकल आया था। 100 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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