Book Title: Story Story
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 108
________________ www.jainelibrary.org एक महात्मा लोगों को बुराइयों से दूर रहने का उपदेश दिया करते थे। एक बार जब वे नशे के बारे में लोगों को बतला रहे थे, भीड़ में से एक व्यक्ति बोला, “महात्मा जी, मुझे शराब पीने की आदत है। मैं उसे छोड़ना चाहता हूँ, पर वह है कि छूटती ही नहीं। क्या आप मुझे इसकी कोई तरकीब बतलाएँगे ?" अचानक महात्मा जी ने एक पेड़ के तने को पकड़ लिया और बोले, "मैं तुम्हें तरकीब बतलाता हूँ; पर क्या करूँ, मुझे इस तने ने पकड़ लिया है। अब यह मुझे छोड़े तो मैं तुम्हें उपाय बताऊँ।" _पहले तो वह व्यक्ति भौचक्का सा होकर महात्माजी को देखने लगा, फिर कुछ झिझककर बोला, “महात्मा जी, क्षमा करें ! क्या पेड़ भी आदमी को पकड़ सकता है ?" महात्माजी ने कहा, “मूर्ख ! मैं भी तो यही कहता हूँ। क्या कोई भी बुराई आदमी को पकड़कर रख सकती है !" दृढ़ संकल्प के आगे हर काम सहज हो उठता For Private & Personal Use Only शराबी 98 Education International

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