Book Title: Story Story
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 107
________________ मित्रता Hain Education Intemational For Private & Personal Use Only संकट मे ही मित्रता की सच्ची परख होती है। एक गिलहरी और पिल्ले में गहरी मित्रता थी। वे दोनों साथ रहते, साथ खेलते। गिलहरी हर खेल में बाजी मार ले जाती । जब भी उसे लगता कि वह हार जाएगी, लपक कर पेड़ पर चढ़ जाती और वहाँ से झुककर अपने मित्र पिल्ले को चिढ़ाया करती। दोनो ही खुश रहकर अपना समय गुजार रहे थे। गरमी खत्म होते ही ठंड के दिन आए । बर्फ का गिरना शुरू हो गया। पिल्ला तो किसी तरह अपना बचाव करता रहा, लेकिन गिलहरी अपना बचाव नहीं कर पा रही थी। एक दिन गिलहरी पेड़ पर चढ़कर गूलर खा रही थी कि अचानक बरसात शुरू हो गई। आँधी चलने लगी। पेड़ पुराना था। जड़ समेत टूटकर जमीन पर गिर पड़ा। पेड़ के साथ ही गिलहरी भी पानी में जा गिरी। “बचाओ, बचाओ !'' गिलहरी चिल्लाई। पिल्ले ने जब अपनी मित्र की आवाज सुनी तो पानी में कूद पड़ा। गिलहरी उसकी पीठ पर बैठकर किनारे पर आ गई। इस तरह पिल्ले ने अपनी मित्र की जान बचाई और दोनों प्रेमपूर्वक रहने लगे। www.jainelibrary.org

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