________________
CIEWS
५
गर्व किस पर
अहंकार ठीक नहीं |
म ही सबका नहीं हमार
अलावा भी बहुत कुछ है।
एक दिन एक जमींदार महात्मा सुकरात से अपने ऐश्वर्य की डींग हाँकने लगा। सुकरात उसकी बात कुछ देर तो चुपचाप सुनते रहे, फिर उन्होंने दुनिया का नक्शा मँगाया। नक्शा फैलाकर वह बोले, "बता सकते हो, अपना देश इस नक्शे में कहाँ है ?' "यह रहा।" जमींदार ने नक्शे पर उँगली रखी। "और अपना प्रांत?" सुकरात ने फिर पूछा। बड़ी कठिनाई से जमींदार अपने छोटे से प्रांत को ढूँढ सका । सुकरात ने फिर पूछा, “इसमें तुम्हारी जागीर की भूमि कहाँ है ?'' ''श्रीमान ! नक्शे में इतनी छोटी जागीर कैसे बताई जा सकती है !" अब सुकरात ने कहा, "भाई, इतने बड़े नक्शे में जिस भूमि के लिए बिंदु भी नहीं रखा जा सकता, उस नन्ही सी भूमि पर तुम गर्व करते हो ! इस पूरे ब्रह्मांड में तुम्हारी भूमि और तुम कितने से हो, यह सोचो और विचार करो कि यह गर्व किस पर !"
116
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org