Book Title: Story Story
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 106
________________ एक राक्षस हमेशा विभिन्न देशों के राजाओं के पास जाता और कहता कि मुझे नौकर रख लो । लगातार काम दो। अगर काम नहीं मिला तो मैं तुम्हें खा जाऊँगा । इस तरह वह कई देशों के राजाओं को खा चुका था। एक बार वह बीकानेर के राजा के पास पहुँचा और अपनी इच्छा दोहराई। राजा ने उसे युद्ध पर भेज दिया। युद्ध से लौटा तो उसे महल तैयार करने के लिए कहा। उसने झटपट महल खड़ा कर दिया। इस तरह जो काम राजा उसे बतलाता, वह झटपट कर देता। राजा यह देख घबराया। उसने मंत्री से सलाह ली । मंत्री चालाक था । बोला, “आप चिंता न कीजिए।" इतने में राक्षस आकर काम के लिए पूछने लगा। मंत्री ने एक कुत्ता मँगवाया और उससे बोला कि इसकी पूँछ सीधी कर दो। राक्षस कुत्ते की पूँछ सीधी करके छोड़ता तो वह फिर से टेढ़ी हो जाती। राक्षस पूँछ सीधी करतेकरते परेशान हो उठा। तंग आकर उसने राजा से क्षमा माँगी और वापस चला गया। काम बताओ, नहीं तो जान गँवाओगे... 96 Jain Education International मन को शांत रखो..... अशांति के निमित्तो से दूर रहो... तो हर समस्या का समाधान चुटकी मे मिल जाये। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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