Book Title: Story Story
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 93
________________ Jain Ecllication Memetional For Privale & Personal use on हर पक्ष का अपना महत्त्व होता है। अनवरत वर्षा और घोर अँधेरे से दुःखी होकर बच्चों की टोली आपस में तर्क करने लगी, "कितना अच्छा हो, अगर सूरज हमेशा चमकता रहे !" उनकी इच्छा शीघ्र पूरी हुई। सूरज उगा और लगातार कई महीनों तक चमकता रहा । बादल का कोई एक 3 छोटा सा टुकड़ा भी आसमान में दिखाई नहीं दिया। भीषण गरमी से खेत-खलिहान 100 और पेड़-पौधे सूख गए। धरती सूखकर चटक गई। कहीं कोई हरियाली नहीं बची। तभी बच्चों को माँ ने समझाया, "देखो ! बरसात भी उतनी ही जरूरी है जितना कि सूरज । एक-दूसरे के बिना सब अधूरा है। कुदरत की इस व्यवस्था से तुम शिक्षा ग्रहण करो। आदमी पर भी यह लागू होती है। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए दुःख और सुख दोनों ही आवश्यक हैं। जब तक दुःख से नहीं गुजरोगे, सुख का सही अनुभव नहीं कर सकोगे।" www.jainelibrary.org,

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