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ताड़ का पेड़
गर्व देवदूतों को भी नष्ट कर देता है।
| Saamananelene ||
किसी जंगल में एक ताड़ का पेड़ था। उसका तना एकदम सीधा और मजबूत था। जब तेज हवा चलती थी तो जंगल के सारे पेड़-पौधे झुक जाते थे, पर ताड़ का पेड़ तना हुआ अडिग खड़ा रहता था। एक दिन उसकी छाँव में घास का एक तिनका उग आया। ताड़ ने उससे कहा, "यार! 'तुम तो हवा के हर झोंके के साथ झुक जाते हो।"
घास के तिनके ने विनम्रता से उत्तर दिया, "मित्र ! मैं तुम्हारी तरह मजबूत नहीं।" ताड़ का पेड़ इस प्रशंसा पर फूल उठा। झूमकर बोला, "हाँ, बंधु ! इस जंगल में सबसे ताकतवर मैं ही हूँ।"
उसी रात जंगल में भयानक
आँधी आई। घास का - तिनका हर झोंके से इधरउधर डोलता रहा, पर तूफान ने ताड़ के पेड़ को उखाड़कर फेंक दिया।
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