Book Title: Sramana 1992 04
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 47
________________ बालिहरगच्छ का संक्षिप्त इतिहास सर्वाणंदसूर I देवसूरि 1 हरिभद्रसूरि चन्द्रसूरि I विबुधप्रभसूरि [वि० सं० १३९ ? में नेमिनाथ की प्रतिमा के प्रतिष्ठापक ] जालिहरगच्छ से सम्बद्ध सातवां अभिलेख वि० सं० १४२३ / ई० सन् १३६७ का है, जो चौमुखजी देरासर, अहमदाबाद में प्रतिष्ठापित भगवान् शान्तिनाथ की धातु की प्रतिमा पर उत्कीर्ण है ।" इस लेख में इस गच्छ के आचार्य ललितप्रभसूरि का प्रतिमा प्रतिष्ठापक के रूप में उल्लेख है । ४५ २ जाहिरगच्छ से सम्बद्ध एक अन्य अभिलेख भी मिला है, परन्तु उसमें न तो प्रतिमा के प्रतिष्ठापना की मिति/तिथि का उल्लेख है और न ही प्रतिमा के प्रतिष्ठापक आचार्य का; अतः यह लेख महत्त्वहीन कहा जा सकता है । साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर जालिहरगच्छोय मुनिजनों की गुरु परम्परा की एक तालिका निर्मित होती है, जो इस प्रकार है बालचन्द्रसूरि [ गुणभद्रसूरि [ नंदिपददुर्गवृत्ति की वि० सं० १२२६ की प्रति में उल्लिखित ] सर्वाणंदसूरि [ पार्श्वनाथचरित वर्तमान में [ अनुपलब्ध के रचनाकार ] १. प्राचीन लेख संग्रह, पूर्वोक्त लेखाङ्क ७६ २. विनयसागर -- संपा० प्रतिष्ठालेखसंग्रह ( कोटा १९५३ ई० ) लेखाङ्क २३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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