Book Title: Sramana 1992 04
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 73
________________ त्रि० ० श० च० में सांस्कृतिक जीवन फल - फलों के अन्तर्गत हेमचन्द्र ने आम, सेव, सन्तरा, श्रीफल, क्रमुक, केला, दाडिम, फूट, इक्षु आदि का उल्लेख किया है । " भोज्य पदार्थ - भोज्य पदार्थों के अन्तर्गत हेमचन्द्र ने अनेक वस्तुओं का निर्देश किया है जिनमें मिच्छिल, तीयन ( कढ़ी), मर्यराल, बटक, कुल्माष, काष्ठपेया, मिष्ठान्न, मण्डक, मण्डिका, मोदिक, मार्जित, क्षेरेयी (खीर) पलल, घृतपुर आदि की गणना हुई है । ये - भोज्य अनेक पदार्थों के मिश्रण से बनाये जाते थे । मद्यपान - आचार्य हेमचन्द्र ने मद्य के अनेक नामों का उल्लेख किया है जैसे - मदिरा, कादम्बरी, वारुणी, हाला, मद्य, सुरा, रस आदि । हेमचन्द्रकालीन समाज में सुरापान के अनेकशः उल्लेख मिलते हैं । ४ पुरुष के साथ-साथ स्त्रियों के भी मद्यपान का उल्लेख मिलता है । सुरा को देवभोग की संज्ञा दी गयी है । संभवतः तत्कालीन शैव मतावलम्बियों द्वारा इसका प्रयोग पूजा के जाता रहा होगा । हेमचन्द्र ने इसे विष की संज्ञा दी नष्ट हो जाती है ।" इसलिए हेमचन्द्र ने मद्यपान के चौलुक्य नरेन्द्र कुमारपाल से राजाज्ञा निकलवायी । है ७१ मांसाहार -- हेमचन्द्र ने मांसाहार में मांस, मछली आदि का निर्देश किया है । ऐसा ज्ञात होता है कि तत्कालीन समाज में प्रायः बकरी, हस्ति आदि का मांस खाया जाता था ।" यह आखेट द्वारा भी निमित्त किया जिससे बुद्धि निषेध के लिए १. त्रिषष्टि २।१।११, ६||५०, २१६४८०, ३।४।२१, २।६।२६०, १०/१२/३०, ६६ २०६, ६/२/५२, २/६/२५४, ८३१८०६ २. वही, ३|१|४४, ३।१।४१, १०/४/३५८, १०/८/२५५, ३।१।४३, १०.३।४००, १०।१३।१६७, १०१८ २५४ ३. वही, ८।९।३०७, ८९।३०८, ८ ९ ३१२-३१४, ३१०, ३१३ ४. वही, ८1५1८७ ५. वही, ८।५।७२ ६. वही, ८ २।४१९, ८ ९ २०२ ७. वही, ८।९।३२८-३२९ ८. वही, ७।२।४१९, १०।७।३३१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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