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श्रमण, अप्रैल-जून १९९२ शिशुओं से सम्बन्धित मनोविनोद-प्राचीन काल से ही शिशुओं के मनोविनोद सम्बन्धी सामग्री की सूचना मिलती है। उत्खनन में प्राप्त खिलौने शिशुओं की विनोदप्रियता के सूचक हैं। हेमचन्द्र ने भी अधीतव्य ग्रन्थ में कन्दुक क्रीड़ा एवं खिलौनों का उल्लेख किया है। ये शिशुओं के मनोविनोद के साधन के रूप में उल्लित किए गए हैं।
१. त्रिषष्टि १।२।६७१-७३ २. वही १।२।१०३१
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