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यव', तिल, चणक', धान्य, माष", मुद्ग का उल्लेख किया है । कलम एक विशेष पतला, सुगन्धित एवं स्वादिष्ट होता था । उल्लेख है ।"
श्रमण, अप्रैल-जून १९९२
(मूंग), कलम आदि प्रकार का चावल था जो इससे ओदन बनाने का
स्वास्थ्यवर्धक आहार - हेमचन्द्र ने शरीर बल, वीर्य एवं सात्विक वृत्तियों को बढ़ाने वाले उससे बने पदार्थ' (पायसान्न), दधिसार, घृत, दही, शहद आदि का उल्लेख किया है। इन आहारों से यह ज्ञात होता है कि तत्कालीन समाज में स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाता था ।
१. त्रिषष्टि. १/२/६९२
२ . वही, ३।७।१५८
३. वही, ३।१।२९ ४. वही, १०।१३।२७०
५. वही, ३|१|४१
६. वही, ३।१।४१
७. वही, १०१८/२५५
८. वही, १०।१३।१०५ ९. वही, २।३।३०४ १०. वही, ८।५।१४३ ११. वही, ३।१।४२
१२. वही, १०।३।१८५ १३. वही, ८।९।३३८-३३९ १४. वही, ८० ९ । ३४४ १५. वही, १.१५६५ १६. वही, १|४|८३७ १७. वही, १०८ २५५ १८. वही, १०१८ २५६ १९. वही, १०१८ २५७ २०. वही, १०१८ा २५६
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शाक-सब्जी - इसके अन्तर्गत हेमचन्द्र ने शूकर १४, शाकपणिका, १५ आलू, मटर १७, कद्दू, खीरा, स्वस्तिक२० आदि का उल्लेख किया है ।
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को स्वस्थ रखने तथा भोजनों में दुग्ध एवं
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