Book Title: Siri Usahanahchariyam
Author(s): Vijaykastursuri, Chandrodayvijay Gani
Publisher: Nemi Vigyan Kastursuri Gyanmandir
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________________ सुवेगदूअस्स सहाए निग्गमणं / जिटं तं तायनंदणं अद्धासणे उववेसेइ, तेणावि सो भरहो किं गम्विरो हवइ ? / एयम्मि भरहसमुदम्मि ससेण्णा नरिंदा जे सत्तुमुट्ठिव्व ते उ अण्णे, अहं तु तेएहिं दूसहो हंत ! वडवानलो होज्जा / अक्कतेयसि 'अण्णतेया इव मइ पाइक्का आसा रहा हत्थिणो सेणाणी भरहो विय सव्वे पैलिज्जन्तु / बालत्तणम्मि करिणा इव करेण जो पाएमु समादाय लेठुलीलाए गयणम्मि मए उच्छालिओ गयणमग्गे दूरं गंतॄण जो भूमीए पडतो 'एसो परासू मा होम' त्ति मए पुप्फन्च करपउमम्मि गहिओ / निज्जियाणं चाडुकाराणं नरवईणं चाडुवयणेहिं जम्मंतरं पत्तो इव सो अहुणा तं विस्सरित्था, सव्वे वि ते चाडुयारा नरवइणो पणासिहिरे, सयं एक्को च्चिय एसो बाहुबलिबाहुबलाओ संजायपीडं सहिस्सइ / दूअ ! इओ तुं गच्छसु, रज्ज-जीवियकामेण सच्चिय आगच्छेउ, तायदिण्णभागसंतुझेण मए चिय तस्स भूमी उविक्खिया, तत्था गमणपयोयणं मम नत्थि / तओ "चित्तकाएहिं विव दढसामिआणापासतिएहिं पकोवतंब-नयणेहिं नरेसरेहिं सो पेक्खिज्जमाणो, रोसाओ हणेह हणेह त्ति अंतो-वयंतेहिं फुरियाहरेहिं रायकुमारेहिं मुहं मुदं वियर्ड कंडक्खिज्जमाणो, गसिउं इच्छंतेहिं पिव उइढीकयभमुहेहिं किंचि चलिअसत्थेहिं दिढावद्धपरियरेहिं अंगरक्खगेहिं पेक्खिज्जमाणो, अम्हाण साहसिएण केणावि सामिपाइककेण अयं वरागो हैम्मिहिइ त्ति मंतीहिं चिंतिज्जमाणो पार्य उक्खेविऊणं चिट्ठमाणेण सज्जीकएण हत्थेण कंठे धरिउं पिव उक्कंठिएण वेत्तिएण उहाविओ सो सुवेगो मणंसि खुहिओ वि समाणो धोरिमं धरिऊण समुट्ठाय सहागेहाओ चाहिरं निग्गच्छेइ / सुवेगदूअस्स सहाए निग्गमणं तया कुद्धतक्खसिलाऽहिवइ-तार-सदाणुमाणाओ भिसं रोसखुहियाए दुवारत्थियपाइक्कसेणाए अप्फालिज्जमाण-फलएहिं नच्चिज्जमाणमहाऽसीहिं पक्खिज्जमाण चक्केहिं गिव्हिज्जमाणमोग्गरेहिं फोडिज्जमाणतिसल्लेहिं पीडिज्जमाणतणेहिं गिव्हिज्जमाणदंडेहिं पेरिजमाणेहि परसूहि पए पए सव्वओ वि अप्पणो मच्चु पिव पासंतो खलंतपाओ बाहुबलिणो सीहदुवाराओ सो निग्गओ / तो रहारूढो गच्छंतो सो सुवेगो मिहो उच्चएहिं वयंताणं पउराणं गिरं एवं आयण्णेइ 1 अन्यतेजांसि इव / 2 प्रलीयन्ताम् / 3 विगतप्राणः / 4 प्रियवचनैः / 5 चित्रकायैः-व्या|ः / 6 कटाक्ष्यमाणो / 7 ऊर्वीकृत कुटिभिः / 8 हनिष्यते / 9 धैर्यम् / 10 स्फाट्यमानत्रिशल्यैः / 11 तूणम्शरधिः-भाथु / 12 आकर्णयति /

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