Book Title: Shrutsagar Ank 038 039
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मार्च-अप्रैल २०१४ ४ आ अंकमा प्रकाशित कर्यो छे. सामान्यथी दर वखते एक लेख प्रकाशित करवानी धारणा होवा छतां आ अंकमां जैन सत्यप्रकाशमांथी अन्य बे समीक्षात्मक लेखो आ अंकमा प्रकाशित कर्या छे अंक नं. ३५मां रत्नमंडनगणि कृत मेघवाहन नृप कथा प्रकाशित करी ए समये ज आ बन्ने लेखो प्रकाशित करवा भावना हती, पण स्थानाभावे आ बन्ने लेखो ते समये प्रकाशित करवानुं शक्य न बन्युं पं. रत्नमंडन गणिना संबंधां थयेला विमर्शने प्रकाशित करवाना हेतुथी आ बन्ने लेखो अत्रे प्रकाशित कर्या छे. ▾ छल्ला घणा समयथी समाजमा अने व्यक्तिमां हस्तप्रत अने लिपिने लईने एक अनुमोदनीय गणी शकाय एवी जागरूकता जोवा मळे छे. ए अनुमोदनानी सक्रियता रूपे अमारा ज्ञानमंदिरमां कार्यरत लिपिज्ञ पंडितवर्य डॉ. उत्तमसिंहजी तरफथी ब्राह्मी लिपि एक अभ्यासपूर्ण परिचय आ अंकमा प्रकाशित कर्यो छे. ज्ञानमंदिरना अनन्य सहयोगथी श्री संघोमां अने अन्य संस्थानोमां लिपि क्लास विगेरेनुं आयोजन अने संगठन थयुं छे. श्रुतसागरना माध्यमे आ ज प्रयासने थोडी जुदी रीते रजु कर्यो छे. ब्राह्मी लिपिना परिचयनी साथे ब्राह्मी लिपिनो विकास, एना व्यंजनो अने अक्षरोना मरोडनी विगतनी तुलना करता अक्षरो विगेरे वाचकोना स्वाध्यायमा अने संशोधनमां उपयोगी बनशे ए आशा अस्थाने नथी. दर वखते अपाता तीर्थ परिचयना स्थाने आभ्यंतर तपना एक प्रकार स्वरूपे स्वाध्यायनुं महिमा गान करतो लेख स्व - अध्यायमा खरेखर उपादेय बनशे. For Private and Personal Use Only पू. गुरुभगवंतश्री अने श्री महावीर जैन केन्द्र कोबाने जेमनुं संपूर्ण जीवन समर्पित हतुं एवा श्री महावीर जैन आराधना केन्द्रना गौरववंता पूर्व प्रमुख, आदरणीय श्री सोहनलालजीनी संक्षिप्त जीवनरेखा आ अंकमा प्रकाशित करी छे. फुल फोरम आपीने, दीवो प्रकाश आपीने, सरिता वहीने अमर बनी जाय छे. आदरणीय श्री सोहनजीमां सेवा, समर्पितता, अने सद्गुण आम त्रणेय गुणोनो संगम थयो हतो. एमणे श्री संघ माटे, जनसमाज, अने मानवता माटे करेला पुण्यकार्योनी सूचि करीए तो आवा एक बे डझन अंको नाना अने ओछा पडे एम छे. आवा विशिष्ट कोटिना सुकृतो करवानी शक्ति आपणने सहुने मळे एटला माटे एमना सुकृतोनी अनुमोदना रूपे एमनो परिचयांश प्रकाशित कर्यो छे. वाचकोनी उपादेयता अने संशोधन कार्यमां उपयोगिता वधे ए हेतुसर राजस्थानी ग्रंथागार तरफथी प्रकाशित 'जैनों का संक्षिप्त इतिहास दर्शन व्यवहार एवं वैज्ञानिक आधार' नो संक्षिप्त परिचय आ अंकमा प्रकाशित कर्यो छे. आ प्रकारना अनेक प्रकाशको तरफथी प्रकाशित प्रकाशनो ज्ञानमंदिरमां उपलब्ध छे. आवश्यकता अनुसार वाचको एनो लाभ लई शके छे.

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