Book Title: Shatkhandagama Pustak 05
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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छक्खंडागमे जीवद्वाणं
एगजीवं पडुच्च जहण्णेण अंतोमुहुत्तं ॥ ३५४ ॥
एदं पि सुगमं । उक्करण तेत्तीस सागरोवमाणि सादिरेयाणि ॥ ३५५ ॥
१६४]
तं जहा- एक्को पत्तो अप्पमत्तो होतॄण अंतोमुहुत्तमच्छिय तेत्तीस सागरोवमाउडिदिए देवसुववण्णो । तदो चुदो पुव्वकोडाउएसु मणुसेसुववण्णो । अंतोमुहुत्तासेसे संसारे पत्तो जादा । लद्धमंतरं । खइयं पट्टविय खवगसेडीपाओग्गअप्पमत्तो होदूण (२) खरगसेढिमारूढो अपुव्वादि छअंतोमुहुत्तेहि णिव्बुदो | अंतरस्स आदिल्लमेक्कमंतोमुत्तं अंतरबाहिरे अअंतोमुहुत्ते सोहिदे अवसेसा सत्त अंतोमुहुत्ता । एदेहि ऊणपुन्त्रकोडीए सादिरेयाणि तेत्तीसं सागरोवमाणि पमत्तसंजदुक्कस्संतरं ।
अप्पमत्तस्स उच्चदे- एक्को अप्पमत्तो पत्तो होदूण अंतोमुहुत्तमच्छिय ( १ ) समऊणतेत्तीससागरोवमाउट्ठदिदेवेसु उववण्णो । तदो चुदो पुत्रकोडाएस मणुसेसु उव
[१, ६, ३५४.
उक्त जीवोंका एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त है || ३५४ || यह सूत्र भी सुगम 1
उक्त जीवोंका एक जीवकी अपेक्षा उत्कृष्ट अन्तर साधिक तेतीस सागरोपम है ॥ ३५५ ॥
जैसे- एक प्रमत्तसंयत, अप्रमत्तसंयत हो अन्तर्मुहूर्त रहकर तेतीस सागरोपमकी आयुस्थितिवाले देवोंमें उत्पन्न हुआ। वहांसे च्युत हो पूर्वकोटीकी आयुवाले मनुष्यों में उत्पन्न हुआ । संसारके अन्तर्मुहूर्तप्रमाण अवशिष्ट रह जाने पर प्रमत्तसंयत हुआ । इस प्रकार अन्तर लब्ध हुआ । पुनः क्षायिकसम्यक्त्वको प्रस्थापितकर क्षपकश्रेणीके योग्य अप्रमत्तसंयत हो (२) क्षपकश्रेणीपर चढ़ा और अपूर्वकरणादि छह अन्तर्मुहूर्तों से निर्वाणको प्राप्त हुआ । अन्तरके आदिके एक अन्तर्मुहूर्तको अन्तरके बाहिरी आठ अन्तर्मुहूतों में से कम कर देने पर अवशिष्ट सात अन्तर्मुहूर्त रहते हैं, इनसे कम पूर्वकोटीसे साधिक तेतीस सागरोपमकाल प्रमत्तसंयतका उत्कृष्ट अन्तर है ।
वेदकसम्यग्दृष्टि अप्रमत्तसंयतका अन्तर कहते हैं- एक अप्रमत्ससंयत जीव, प्रमत्तसंयत हो अन्तर्मुहूर्त रहकर ( १ ) एक समय कम तेतीस सागरोपमकी आयुस्थितिवाले देवों में उत्पन्न हुआ। वहांसे च्युत हो पूर्वकोटीकी आयुवाले मनुष्योंमें उत्पन्न हुआ ।
१ एकजीवं प्रति जघन्येनान्तर्मुहूर्तः । स. सि. १, ८.
२ उत्कर्षेण त्रयस्त्रिंशत्सागरोपमाणि सातिरेकाणि । स. सि. १, ८.
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