Book Title: Shatkhandagama Pustak 05
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
View full book text ________________
(३८)
परिशिष्ट
शब्द
पृष्ठ
शब्द
२४४,२७३
२७७ २८४ २५३
सम्यक्त्व
६] संचय सम्यग्मिथ्यात्व
संचयकाल सर्वघातित्व
संचयकालप्रतिभाग सर्वघातिस्पर्धक
१९९,२३७
संचयकालमाहात्म्य
संचयराशि सर्वघाती
२०२ सर्वपरस्थानाल्पबहुत्व
संयम २८९
संयमासंयम सागरोपम
स्तिबुकसंक्रमण सागरोपमपृथक्त्व
स्थान सागरोपमशतपृथक्त्व
स्थापनान्तर सातासातबंधपरावृत्ति १३०, १४२
स्थापनाभाव साधारणभाव
१९६
स्थापनाल्पबहुत्व सान्तर
२५७
स्थावरस्थिति सान्निपातिभाव
१९३
स्त्रीवेदस्थिति सासादनगुण
स्त्रीवेदोपशामनाद्धा सासादनपश्चादागतमिथ्यादृष्टि
स्वस्थानाल्पबहुत्व सासंयमसम्यक्त्व सिद्धयत्काल सूक्ष्माद्धा सोचकस्वरूप
२६७ हेतुहेतुमद्भाव
२४१
९६, ९८
२८९
१०४
३२२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 478 479 480 481