Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 07
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 169
________________ // 7 // // 8 // पढमदुई उवहाणे, दुवालस अंबिलट्ठ अट्ठमगं / उववासतिगं अंबिल, बत्तीसा तइयउवहाणे. . // 5 // तुरिए चउत्थमंबिल-तिगं तहां पंचमे चउत्थतिगं। ... पणवीस अंबिलाणि य, चउत्थ पंचंबिला छटे // 6 // सव्वंगसुंदरतवे, उववासा अट्ठ अंबिलंतरिया / सियपक्खे कसिणम्मि य, निरुजसिंहतवे वि एमेव बत्तीसमंतरंबिल, आयइजणगे य परमभूसणगे। सोहग्गकप्परुक्खो, चित्ते एगंतरुववासो, . एगाइपनरसंत य, पंचदसाई इगंतकवलेहि। . . चंदायणो समप्पइ, मासेण अमावसाए जवमज्झे // 9 // विवरीओ वज्जमज्झो, मासेण पुनिमाए से अंतो / अडबारसोलसचउ - वीसिगतीसकवल ऊणोरी // 10 // उववास एगभत्तं, एगलसित्थं च एगठाणं च / इगदत्ति निव्विवगई, अंबिलमट्ठकवलं च उववासमेगभत्तं, इगसित्थं एगठाणमिगदतिं / . निविगई अंबिल अड, कम्मसूरणे अट्ठ कवलमद्ध लया // 12 // एगासणेण सुमई, वसुपुज्जो निग्गओ चउत्थेण / पासो मल्ली वि य अ - ठुमेण सेसा उ छट्टेणं // 13 // नाणं तु अट्ठमणं, पासो सह मल्लिरिटुनेमीणं / वसुपुज्जस्स चउत्थेण, छट्ठभत्तेण सेसाणं // 14 // निव्वाणपयं पहुणो, छहिं उववासेहिं रिसहनाहस्स / मासेण उ सेसाणं, वीरजिणिदस्स छटेणं / // 15 // अंबिल वीसा वीसा, चउवीस वि जिणाण दवदंती / एगुत्तखुड्डिक्का - सणेहि. पुण वड्डमाणे य . // 16 // 156

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