Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 07
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 213
________________ दशमं कुलकम् / इत्थुग्गकुग्गहकुसासणभिल्लभीमे चिंताविसुक्कडकसायमहाभुयंगे / अन्नाणदारुणदवे नवनोकसायलल्लक्कसावयगणे भवसंकडिल्ले // 1 // जीवा चउग्गइगया कुलकोडिजोणीलक्खेसु दुक्खतविया बहुसो भमंति / दीहद्धमेव भवकायठिईहिं धम्मकम्मक्खमं नरभवाइ न पाउणंति // 2 // गंभीरनीरनिहिनट्ठमणिं व धम्मसामग्गिमित्थ समिलाजुगजोगतुल्लं / एमेव पाविय हिं पि कहिं चि कागतालीयनायवसओ सहियं करेह 3 जंतू य दुक्खविमुहा सइ सुक्खकंखी, सुक्खं च अक्खयमभिक्खणमाहु मुक्खे। सम्मत्तनाणचरणाणि य तस्सुवाओ, तस्साहणाय पुण रे? इय निच्चकिच्चं संविग्गसग्गुरुकमागयजुत्तजुत्तीवीसंतसुत्तपरमत्थबिऊ जयंत / सेवेह धम्मगुरुणो बहुमाणभत्तिरागेण ताण वयणं च मणे धरेह // 5 // वेरग्गभावणकसासुगुरूवएस-रज्जूहि इंदियतुरंगगणं दमेह। नाणंकुसेण गुणपायवलग्गमुद्दा-मुद्दामकामकरिणं सवसं विहेह // 6 // कालाइदोसवसओ घणकम्मकिट्ठचिट्ठत्तणेण य जणा बहुसंकिलेसा / तो लिंगिणो य गिहिणो य दढं विमूढा, किं किं न जं अणुचियं चिरमायरंति .. // // नट्ठा य ते सयमसंगकुहेउजुत्ती अन्नेसि नासणकए बहुहा वयंति / पायं जणा सयमईइ अभाविभद्दा तं चैव तत्तमिव लिंति. चइंति मग्गं 8 // 4 // 200

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