Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 07
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 190
________________ लोइयदेवाइगयं एमाई किच्चमित्थ मिच्छत्तं / अन्नं पि तदुवंइटुं, वज्जिज्जा सद्धकरणाई // 15 // सद्धं मासिय-छम्मासियाइं४४ पवदाण४५ कन्नहल४६ तिहिओ 47 / जलघडदाणं 48 लाहणयदाणमवि मिच्छदिट्ठीणं 49 // 16 // कोमारियाइ भत्तं 50 धम्मत्थं चच्चरीओ चित्तम्मि 51 / अस्संजयलोयाणं, अक्खयतइयाइऽकत्तणयं 52 // 17 / / संडविवाहो 53 जिट्ठिणि 54 अमावसाए विसेसओ भुजं 55 / कूवाइखणण 56 गोयर 57 सहिंडणं 58 पियरहंतकिई 59 // 18 // वायस-बिरालमाई पिंडो 60 तरुरोवणं 61 पवित्तयओ। तालायरकहसवणं 62 गोएण 63 तह इंदयालं च 63 // 19 // धम्मग्गिट्ठय 65 नडपिच्छणं च 66 पाइक्कजुज्झदरिसणयं 67 / एवं लोअगुरूण वि नमणं दिय-तावसाईणं 68 // 20 / / मूल-ऽस्सेसाजाए बाले भवणम्मि बंभणाऽऽहवणं 69 / / तबहसवणं 70 दाणं 71 गिहगमणं 72 भोयणाई य 73 // 21 // एवं लोइयमिच्छं देवगयं गुरुगयं च परिहरिउं / सोउत्तरे विवज्जइ परतित्थियसंगहियबिंबे // 22 // जत्थ जिणमंदिरम्मि वि निसिप्पवेसोऽबलाण समणाणं / वासो य नंदि-बलिदाण-न्हाण-नट्टं पइट्ठा य // 23 // तंबोलाई आसायणाओ, जलकीलदेवयं दोलं / सोइयदेवगिहेसु च वट्टइ असमंजसं एवं // 24 // तत्थ वि सम्मद्दिट्ठीण, सायरं सम्मरक्खणपराणं / / / मसुत्तवज्जगाणं, कप्पइ सवसाण नो गमणं // 25 // एसो चेव विसेसो, हराइभवणाओ अरिहभवणस्स। एगत्य जं विहीए, सव्वं विवरीयमन्नत्थ // 26 // 107

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