Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 07
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ // 4 // // 8 // // 9 // तस्सोवएसयाणं आणं च गुरूण भावविज्जाणं / सम्ममणइक्कमंता जहोचियं जयह सव्वत्थ पडिहयनिम्मलबोहं पयडियकुग्गहकलंकसंदोहं / भवतरुवरपारोहं उम्मूलह लहु महामोहं दुहतरुतरुणलयाए भवजलहिनिवासहेउभूयाए / रुंधह विसविरसाए विसयतिसाए सया पसरं जणियसमत्थअणत्थे सव्वजगुव्वेयगे हयविवेगे / दुग्गइगमणसहाए जिणह कसाए पिसाए, व्व // 7 // विमलगुणपरिगयं पि हु कोपपरं को जणं समल्लियइ। .. फुरियफणामणिकिरणं व घोरमासीविस भुयंगं घडिउब्भडभिउडीभंगभासुरो भमिरतबिरऽच्छिजुओ। वियडविडंबियवयणो सिढिलकडिल्लो सुदुप्पिच्छो कयगहिरविरससद्दो विसंठुलगई य सिज्जिरसरीरो / कोहमहग्गहगहिओ होइ नरो लोगभयजणगो // 10 // अइपंडिओ वि अइबहुगुणो वि अइसुद्धवंसजाओ वि / कुणमाणो माणं माणवो लहुं लहइ लहुयत्तं // 11 // परपरिभवमत्तुक्करिसमसरिसकुलग्गया वि कुव्वंता / सयलजणुब्वियणिज्जा न सकज्जं किंचि साहिति // 12 // नीयागुत्तं गाढं समज्जिउं परभवे पुणो सुइरं / सव्वजणगरहणीया नीयासु हवंति जाईसु // 13 // दंभपरो लहइ नरो कूडो त्ति सद् त्ति लोयवयणिज्जं। . निच्चमवीससणिज्जो य होइ सप्पु व्व सुद्धो वि . // 14 // मायापरस्स मणुयस्स झत्ति विहडंति बंधुमित्ता वि। . . अस्संखतिक्खदुक्खे मयस्स उ ठिई तिरिक्खभवे . // 15 // 194
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