Book Title: Shadbhashachandrika
Author(s): Kamlashankar Pranshankar
Publisher: Rajkiya Granthamaladhikar Mumbai
________________
32 Sutras in order. 2nd Adhyaya, 1st Pada. 1 १०० स्याद्भव्यचैत्यचौर्यसमे यात् | 19 ११८ लघुके लहोः ५२
20 ११९ रलोहरिताले ५२ 2 १०१ लादक्लीबेषु ५०
21 १२० दर्वीकरनिवहौ दव्विरअणि 3 १०२ नात्स्वप्ने ५०
हवौ तु ५२ 4 १०३ स्निग्धे वदितौ ५० 22 १२१ गहिआद्याः १७२ 5 १०४ कृष्णे वर्णे ५०
2nd Adhyaya. 6 १०५ अर्हत्यु च १२८
1st Pâda. 7 १०६ तन्व्याभे १०७
23 १ मन्तमणवन्तमाआलुआलइर8 १०७ स्रुघ्ने रात् ५१
इल्लउल्लइन्ता मतुपः १५७ 9 १०८ एकाचि श्वस्खे २९
24 २ वतुपो डित्तिअमिदमेतलुक्
चैतद्यत्तदः १५७ 10 १०९ वा च्छद्मपद्ममूर्खद्वारे ५१
25 ३ किमिदमश्च डेत्तिअडित्तिलडे11 ११० ईल्ज्यायाम् ५१
इहं १५७ 12 १११ हश्च महाराष्ट्र होयत्ययः३३ 26 ४ इकः पथो णस्य १५८ 13 ११२ लनोरालाने ५१
27 ५ खस्य सर्वाङ्गात् १५८ 14 ११३ वाराणसीकरेण्वां रणोः १०७ 28 ६ छस्यात्मनो णअः १५८ 15 ११४ ललाटे डलोः ११० 29 ७ हित्थहास्त्रलः १५८ 16 ११५ ह्रदे दहयोः ४४
30 ८ केर इदमर्थे १५८ 17 ११६ चलयोरचलपुरे ५२ 31 ९ राजपराडिक्कडकौ च १५९ 18 ११७ ह्ये ह्योर्वा ५२
32 १० डेच्चओ युष्मदस्मदोण: १५९
1 स्याद्भव्यचैत्यचौर्यसमेषु यात् ॥ २॥१०७ ॥ 2 लात् ॥ २॥१०६ ॥ 3 स्वप्ने नात् ॥ २॥१०८ ॥ 4 स्निग्धे वादितौ ॥ २॥१०९ ॥ 5 कृष्णे वर्णे वा ॥ २॥११० ॥ 6 उच्चाहति ॥ २।१११ ॥ 7 तन्वीतुल्यषु ॥ २॥१.३ ॥ 8 Not traced. 9 एकस्वरे श्वःस्वे ॥ २॥११४ ॥ 10 पद्मछद्ममूर्खद्वारे वा ॥ २१११२ ॥ 11 ज्यायामीत् ॥ २॥११५॥ 12 महाराष्ट्रे हरोः ॥ २॥११९ ॥ 13 आलाने लनोः ॥ २॥११७ ॥ 14 करेणूवाराणस्यो रणोर्व्यत्ययः ॥ २॥११६ ॥ 15 ललाटे लडोः ॥ २॥१२३ ॥ 16 हदे हदोः ॥ २।१२० ॥ 17 अचलपुरे चलोः ॥ २॥११८ ॥ 18 ह्ये ह्योः ॥ २॥१२४ ॥ 19 लघुके लहोः ॥ २॥१२२ ॥ 20 हरिताले रलोर्न वा ॥ २॥१२१ ॥ 21 Not traced. 22 Not traced. 23 आल्विल्लोल्लालवन्तमन्तेत्तेरमणा मतोः ॥ २।१५९ ॥ 24 यत्तदेतदोतोरित्तिअ एतल्छुक् च ॥ २॥१५६ ॥ 25 इदंकिमश्च डेत्तिअडेत्तिलडेदहाः ॥ २।१५७ ॥ 26 पथो णस्यकट् ॥ २॥१५४ ॥ 27 सर्वाङ्गादीनस्येकः ॥ २॥१५१ ॥ 28 ईय स्यात्मनो णयः ॥ २११५३ ॥ 29 त्रपो हिहत्थाः ॥ २॥१६१ ॥ 30 इदमर्थस्य केरः ॥ २॥१४७ ॥ 31 परराजभ्यां कडिको च ॥ २॥१४८॥ 32 युष्मदस्मदोष एच्चयः ॥ २॥१४९ ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646