Book Title: Shadbhashachandrika
Author(s): Kamlashankar Pranshankar
Publisher: Rajkiya Granthamaladhikar Mumbai
________________
Addenda and Corrigenda.
अयि
:
:
PAGE. LINE. INCORRECT.
CORRECT. 4 3 Consider रूपकपरिभाषो as printed in heavy type.
14 अइ 21 शरदामत्
शरदामल 10 12 Read संज्ञा प्रत्याहारमयी वा । 11 13 Prakritarupavatara reads दिदीर्घः 16 १।१।७॥
१।१।८॥ 19 १।१।८ ॥
१।१ । ७॥ 144 वासेसि
वासेसी 9 इत्यत्र
इत्यत 16 16 'प्रायो लुक'
'प्रायो लुक 18 5-6 Read पहावली, पहावल्यरुण: and प्रभावलीशब्दे 22 6 दे रामा
दे रामो 23-25 16 Correct-भिस्भ्यस्सुपि
27 5, 10 , डेस्त्थस्सिम्मि 28 14 द्वित्वल
द्वित्वल 30 2 द्वितीयाचेत्वं
द्वितीयाच इत्वं 5 Srtike off स्के 16 इल्कृपगेः
इल्कृपगे 3 १।२।६१॥
१।२।६२॥ 4 Read-जाणत
ण्हः „, 11, 12 Correct-Taia: and 37976: 15 औत्
ओत् 20 लटौ
लधौ 5 वलोपद्वित्वे
वलोपद्वित्वे । 7 Read संयुक्तसंबन्धिनां 22-23 Correct-बोद्रहादय" and बोद्रहो, बोद्रह 14 एषां
येषां 15 Correct-दृश्यते तेभिशादयः । 19 जो विषय
अविषय 22 रतिअरो
रत्तिअरो 11 पफुल्लम् । प्रप्फुलं ।
प्रफुल्लम् । पप्फुल्। 19 वाऊळो
वाउलो t seems to be correct.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646