Book Title: Shadbhashachandrika
Author(s): Kamlashankar Pranshankar
Publisher: Rajkiya Granthamaladhikar Mumbai

Previous | Next

Page 624
________________ ADDENDA AND CORRIGENDA. 205 60 53 12 उपरि उवरि , 13 Read हलि अणनाम् which is the reading of the Prakritarû pâvatâr& 21 Correct-स्पर्शास्थ्यश्रुध्यस्र'. Trivikrama has स्पर्शास्थ्यश्रु श्मश्रुभ्यस्र 5 ङः 6 मांजारो मंजारो 15 वअस्यः वयस्यः 7 सकओ सकओ 12 इत्यव्ययेन इत्यवयवेन 22 Read-कुलवचनमाहात्म्यदुःख 23 Read-अस्येत्यनुवर्तते 58 20 चूडो चुडो 62 15 निर्मात निर्मात 23 णिपडइ णिवडइ 633 ओझरो ओज्झरो ___16-15 Correct-गभीरादि 5 १।२॥ ४६॥ १।२।५६॥ , 15 Strike off कप्रत्ययान्तयोः 65 1 वित्थाओ विदाओ 17 उत्कण्डूयति उल्कण्डूयति ___19 हनुमान् हनूमान् 16 °दृष्ट धृष्ट' 67 1-2 दिट्ठो । दट्ठो धिट्ठो । धट्ठो 1 दृप्तेरितः दृप्तेतः 706 चैत्यविशेषे न भवति चैत्यविश्लेषे न भवति । चेइअं ___15_Read-एत् साज्झला त्रयोदशगेचः। 71 16 °चतुर्दार' ___ चतुवार , 20-21 Correct-चोल्वारो । चउव्वारो। and मऊहो। 72 14-15 Correct- कीले । कर्पूरकीलयो' , 17 खिलओ खीलओ 3 असुकर असुक 4 आकर आकार 11 मही भहौ 18 Correct-दुरो रलुकि तु 17 वाटी पाटि 'ढ' 7 करो कंठो 12 Correct-लल डोनुडुगे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646