Book Title: Shadbhashachandrika
Author(s): Kamlashankar Pranshankar
Publisher: Rajkiya Granthamaladhikar Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 522
________________ Nipâtas Alphabetically arranged. 103 छिण्णाळो-जारः १७२ छिण्णो-जारः १७२ डंभिओ-डाम्भिकः १७२ छिल्लं-छिद्रम् १७२ डिंडवो-जलान्तःपतित: १७८ छूहिअं-पार्श्वपरावृत्तम् १८२ डेकुणो-मत्कुणः १७१ छणो-स्तेनः १७१ डेड्डरो-दर्दुरः १७२ डोसिणी-ज्योत्स्ना १७१ जअल्लो-छन्नः १७८ जंघामओ-द्रुतः १६८ णन्दिणी-धेनुः १७३ जंघालुओ-द्रुतः १६८ णळिअं-निलयम् १७१ जच्छंदो-स्वच्छन्दः १७१ णाळी-स्रस्तः १७७ जडं-त्यक्तम् १७८ णिअद्धणं-परिधानम् १७४ जणउत्तो-ग्रामप्रधानः १७३ णिउक्को-तूष्णीकः १६८ जण्णहरो-नरराक्षसः १७३ जंपेक्खिरमग्गिरओ-दृष्टार्थयाचनशीलः णिउरं-१. छिन्नम् ; २. जीर्णम् १८२ णिकजो-अनवस्थितः १७७ णिकडो-निश्चयः १७१ जंभणंभणः-खैरभाषी १६८ णिक्खाविओ-शान्तः १८१ जरण्डो-वृद्धः १६५ णिगमिअं-निवासितम् १८३ जहणरोहो-ऊरुः १७४ णिग्गठो-निर्गतः १८१ जहणूसुअं-जघनांशुकम् १७४ णिचुड्डो-उद्वृत्तः १७७ जुअणो-युवा १६८ णिजो-सुप्तः १७७-८ जूसओ-उत्क्षिप्तः १७७ णिप्पणिओ-जलधौतः १८३ जोअडो-खद्योतः १७५ णिप्फंसो-निस्त्रिंशः १७१ जोअणो-खद्योतः १७५ जोइओ-खद्योतः १७५ णिमिअं-आघ्रातम् १७७ णिम्मीसुओ-निःश्मश्रुकः १७४ जोइक्खो-दीपः १७३ जोई-विद्युत् १७४ णिरासो-नृशंसः १७१ जोओ-चन्द्रः १७२-३ णिव्वहइ-उद्वहति १७० ज्झहुराविअं-निवासितम् १८३ णिसुद्धो-वातितः १७७ णिहवो-सुप्तः १७७-८ | णिहुअं-सुरतम् १७४ झडिओ-श्रान्तः १७७ णिहेळणं-निलयम् १७१ झंदिअं-प्रद्रुतम् १८० णीसंको-वृष: १७३-४ झपिअं-पर्यस्तम् १७८ त ट ठाणिजं-गौरवम् १६८ तच्छिलो-तत्परः १६७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646