Book Title: Shadbhashachandrika
Author(s): Kamlashankar Pranshankar
Publisher: Rajkiya Granthamaladhikar Mumbai
View full book text
________________
108 Nipatas Alphabetically arranged. सद्दालं-नूपुरम् १६३
सूरंगो-दीपः १७३ समराइअं-पिष्टम् १८१
सूरद्धओ-दिवसः १७३ समुद्दणवणीअं-चन्द्रः १७२-३ सूरली-मध्याह्नम् १६३ समुद्दहरे-अम्बुगृहम् १७३
सेवाळं-सेवालम् १७१ सरिसाहुलो-सदृशः १६६
सोत्ती-तरङ्गिणी १६५ सहउत्थिआ-दूती १७२
सोहिअं-पिष्टम् १८१ साउल्लो-अनुरागः १६७ साणिओ-शान्तः १८१ सामरी-शाल्मली १७१
हकिअं-उन्नतम् १८३ साळक्किआ-शारिका १७२
हहमहट्ठो-युवस्वस्थः १७४ साहुली-शाखा १६६
हडहडो-अनुरागः १६७ सिट्ठो-सुप्तोत्थितः १७७ सिप्पी-शूची १७१
हल्लपविअं-वरितम् १८२ सिंहडहिल्लो-बालकः १६६
हिज्जा-ह्यः १७० सिहिणं-स्तनम् १७३
हिद्धो-स्रस्तः १७७ सीउ-हिमकालदुर्दिनम् १६६
हीमोरं-भीमरम् १७१ सीउल्लं-हिमकालदुर्दिनम् १६६
हीरणा-त्रपा १६७ सीसक-शीर्षत्रम् १७१-२
हेपिअं-उन्नतम् १८३ सुण्हसिओ-निद्राशीलः १६७
हेरिवो-हेरम्बः १७६ सुहरओ-१. धारिकागृहम् ;
हेसमणं-उन्नतम् १८३ २. चटकः १७४
हेसिअं-रसितम् १७८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646