Book Title: Saral Samudrik Shastra
Author(s): Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 14
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र 1. वर्गाकार मुखाकृति वर्गाकार मुखाकृति के जातक, पृथ्वी तत्व प्रधान होते हैं। यदि ऐसे जातक के मुखाकृति पर चारों ओर से चतुष्कोण खींचा जाय तो ऐसे जातक की मुखाकृति चतुष्कोण में पूरी तरह फिट हो जाती है। वर्गाकार मुखाकृति के जातक का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है तथा इनकी शरीर सुडौल होती है साथ ही इनमें शक्ति भी अधिक पायी जाती है। ऐसे जातक व्यवहार कुशल, उद्यमी, और उद्योगशील होते हैं। व्यवहार कुशल अधिक होने के कारण इन्हें भौतिक साधनों का सुख मिलता है। यदि वर्गाकार मुखाकृति के जातक में पृथ्वी तत्व की अधिकता होती है तो इनमें हठ, आलस्य, विलासिता आदि की अधिकता होती है तथा अपने कार्यों के कारण बाद में दुःखी होते हैं। ऐसे जातक आसानी से अन्य के प्रभाव में नहीं आते हैं, और न ही अपने सिद्धान्त को आसानी से बदलते हैं। वर्गाकार मुखाकृति के स्त्री जातक का शरीर स्थूल एवं भारी होता है तथा इनकी चाल धीमी और मतवाली होती है। ऐसी स्त्रियाँ कर्मठ व्यवहार कुशल तथा मनमौजी होती हैं, अगर इनमें पृथ्वी तत्व की अधिकता होती है तो चरित्र की दृष्टि से दुर्बल होती हैं।

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